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 chhand ??

छंद उन नियमों अथवा मात्राओं को कहते हैं जिनके अंतर्गत पद्य रचना की जाती है। छंद कई प्रकार के होते हैं- दोहा, चौपाई, सवैया, मुक्तक इत्यादि। वे इस प्रकार हैं-

. दोहा - दोहे के पहले चरण में 13 मात्राएँ और दूसरे चरण में 11 मात्राएँ विद्यमान होती हैं। दोहा मात्रिक छंद होता है। कविता लिखने के इस ढंग को दोहा कहते हैं। यह छंद का एक भेद है।


. चौपाई मात्रिक छंद का एक भेद होता है। इसके प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं। कविता लिखने के इस ढंग होता है। यह भी छंद का एक प्रकार है।

. साखी - साखी शब्द संस्कृत के शब्द साक्षी से लिया गया है। इसका अर्थ लिया गया है साक्ष्य। इसे उपदेश के रूप में भी जाना जाता है। इसमें गुरू अपने द्वारा देखा हुआ या अनुभव किए हुए को अपने शिष्य को बताते हैं। इसमें वह शिष्य को उपदेश देते हैं कि ऐसी परिस्थितियों मे पड़कर उसे क्या नहीं करना चाहिए। साखी पद्य की एक काव्य धारा है , जिसे संतों ने बहुत अपनाया है। इस में गाया जा सकता है।

. वाख - वाख कश्मीरी शैली की एक गाए जाने वाली रचना है। यह चार पंक्तियों की होती है। 


. रोला - यह छंद का एक भेद होता है। रोला के विषम चरण के अंदर 11-11 मात्राएँ एवं सम चरण के अंदर 13-13 मात्राएँ होती हैं। 

. सोरठा - इसके प्रत्येक पहले चरण में ११ और दूसरे चरण में १३ मात्राएँ होती हैं। यह दोहे के विपरीत होता है। विषम चरण के आखिर में एक गुरु एवं एक लघु मात्रा होनी चाहिए। यह बहुत आवश्यक होता है।

. पद - पद एक काव्य रचना होती है। इसे गाया भी जा सकता है। 

. कवित्त - कवित्त छंद का एक प्रकार है। यह वार्णिक छंद है। इस छंद के प्रत्येक चरण में ३१ वर्ण होते हैं। 

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well, u can say chhand as the paragraphs given in the poem
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