Explain me following

1. Nadan dost
2. Par najar k
3. Jhansi ki rani
4. Nokar

मित्र हम आपको एक एक करके सभी पाठों का सार बता सकते हैं।

प्रस्तुत पाठ 'नादान दोस्त' 'प्रेमचंदजी द्वारा रचित कहानी है। कहानी में बाल मनोभावों का अत्यंत सुन्दर चित्रण किया गया है। केशव और श्यामा कहानी के मुख्य पात्र हैं। दोनों बच्चे नादान और भोले-भाले हैं। उनके घर के कार्निस के ऊपर चिड़िया ने अपने अंडें रखे थे। दोनों बच्चें अंडों को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं। वे रोज़ अंडों की निगरानी करते और अंडों की सुरक्षा के लिए तरह-तरह की योजनाएँ बनाते। अपनी योजनाओं के बारे में वे कभी किसी से भी नहीं कहते। एक दिन मौका पाकर दोनों माँ से छुपकर अंडों को देखने गए। केशव ने अंडों को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें कपड़े के तह के ऊपर आराम से रख दिया। फिर उसे धूप से बचाने के लिए उसके ऊपर टोकड़ी भी रखी। फिर चिड़िया के लिए दाना और पानी का इंतज़ाम भी किया। फिर दोनों भाई-बहन निश्चिंत होकर सो गए परंतु जब दोनों की आँख खुली तो उन्होंने अंडों को टूटा हुआ पाया। दोनों बच्चों के दुःख का ठिकाना न था। इतने में माँ जग कर आ जाती है। दोनों एक दूसरे को इस घटना का दोषी मानते हैं। बच्चें माँ को सारी सच्चाई बता देते हैं। उनके सरल स्वभाव पर माँ को हँसी आ जाती है। वे उन्हें बताती हैं कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। जब कोई चिड़िया के बच्चों को हाथ लगाता है तो वह अंडों को तोड़ देती है। यह सुनकर बच्चे रो पड़े। उन्हें इस बात का दुख था कि उनके कारण तीन अंडे खराब हुए और उन्होंने चिड़िया के बच्चों को पालने का जो सपना देखा था वह पूरा नहीं हो सका। बहुत दिनों तक वो इस घटना को याद कर रोते रहें। वे तो केवल उन बच्चों की सुरक्षा करना चाहते थे परंतु अज्ञानता के कारण उनसे यह गलती हो गई।

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