Father ki akrati or svaroup ka varnan kijiye

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
फादर बुल्के लंबे, श्वेत वस्त्र पहने, लंबे कद काठी के व्यक्ति थे। उनका रंग गोरा था। उनके चेहरे पर शांति विद्यमान रहती थी। वे विनम्र स्वभाव के थे। सबसे प्रेम से बातें करते हैं। उनसे एक बार कोई मिल लेता था, तो वह उनका हो जाता था। लेखक उनके साथ को देवदारू के वृक्ष के समान मानते थे।

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पिता दरअसल उस दरख्त सा होता है, जो मीठे फल देता है,मगर सख्त सा होता है। उसकी घनी छाँव में हम,माँ की लोरी सुनते हैं, आने वाले कल के सलोने-सपने बुनते हैं। हमारी आँखों को आँसुओं से बचाने की खातिर,वो हर रोज़ पसीने से भीग जाता है, दिन भर की थकान मिट जाती है उसकी,बच्चा जब उसे 'प्यारे-पापा' कहकर बुलाता है। वो ख़ुद भले ही कुछ भी सहे,हमें दर्द का अहसास नहीं होने देता, तन्हाई में बैठकर ख़ुद भले ही रो ले,मगर हमें हरगिज़ नहीं रोने देता। दुनिया की अज़ीम हस्ती है वो,जिसके घर आप रहते हैं, धरती पर भगवान जैसा है वो,जिसे हम बाप कहते हैं। Hope ths helps
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