Film nirmata ke roop me shailendra ki visheshtao ka ullekh karo.(5m)
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
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शैलेंद्र एक सच्चे व्यक्ति थे। जीवन मूल्यों और अपनी संस्कृति से प्रेम करने वाले व्यक्ति थे। यही कारण था कि जब उन्होंने गीतों का निर्माण किया, तो उन्होंने कभी सस्ते मनोरंजन का सहारा नहीं लिया था। जब उन्होंने फ़िल्म बनाई, तो इन बातों का विशेष ध्यान दिया। वह लोगों का मनोरंजन नहीं करना चाहते थे। अतः उन्होंने अपनी फ़िल्म बनाते समय उसमें मसाले डालने के स्थान पर कला का समावेश किया। उन्होंने जीवन का कडवा और सच्चा रूप दिखाया। यही कारण था कि बीस साल फ़िल्मी दुनिया में रहकर भी उसका प्रभाव उनकी फ़िल्म से गायब रहा। उन्होंने भारतीय संस्कृति का सुंदर रूप प्रस्तुत किया। एक मनुष्य के सच्चे भावों को दिखाया। हीरामन की बेबसी और उसका सीधा सरल प्रेम दिखाया। वहीदा रहमान ऐसे नौंटकी कलाकार के रूप में आईं, जिसके लिए हीरामन जैसे लोगों का फायदा उठना आम बात थी। वह ऐसी सच्चाई दिखाती है, जो हमारे आसपास विद्यमान है।