From 5 to 10

मित्र

5- खा खाकर कुछ इसलिए प्राप्त नहीं होता क्योंकि अधिक खाने से हम अहंकार के वश में वशीभूत होकर राह भटक जाते हैं। भोग विलास करनेेेे से मनुष्य भक्ति से दूर  हो जाता है। इससे मनुष्य को कुछ भी प्राप्त नहीं होता अपितु स्वयं को महान समझने लगता है।

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