From diary ka ek panna
आप कैसे कह सकते है कि स्वतंत्रता आंदोलन में अनेक लोगों ने निर्भय होकर भाग लिया ?
मित्र!
आपके प्रश्न के उत्तर में हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
डायरी का एक पन्ना पाठ में स्वतंत्रता संग्राम में समाज के सभी वर्गों ने अपनी भूमिका निभाई है। वर्ष 1931 में पहली बार कलकत्ता में स्वतंत्रता दिवस की तैयारी बड़े जोर-शोर से की गई थी। 26 जनवरी का दिन था। स्वतंत्रता दिवस को लेकर सभी उत्साहित थे और सबको पूरी तरह से तैयार कर दिया गया था। शायद ही कलकत्ता में कोई जगह बची होगी जहाँ झंडे न लगाए गए हों। इस तैयारी में स्त्री समाज का बहुत बड़ा हाथ था। इस संग्राम में स्त्रियों ने आगे बढ़-चढ़ कर पुरूषों के समान सभी कार्यों में हिस्सा लिया। झंडा फहराने में लोगों ने पुलिस के डंडे भी खाए और जेल में भी गए। सभी ने स्वतंत्रता दिवस को मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लोगों ने निर्भय होकर जुलूस के रूप में अपनी भागीदारी दी।
आपके प्रश्न के उत्तर में हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
डायरी का एक पन्ना पाठ में स्वतंत्रता संग्राम में समाज के सभी वर्गों ने अपनी भूमिका निभाई है। वर्ष 1931 में पहली बार कलकत्ता में स्वतंत्रता दिवस की तैयारी बड़े जोर-शोर से की गई थी। 26 जनवरी का दिन था। स्वतंत्रता दिवस को लेकर सभी उत्साहित थे और सबको पूरी तरह से तैयार कर दिया गया था। शायद ही कलकत्ता में कोई जगह बची होगी जहाँ झंडे न लगाए गए हों। इस तैयारी में स्त्री समाज का बहुत बड़ा हाथ था। इस संग्राम में स्त्रियों ने आगे बढ़-चढ़ कर पुरूषों के समान सभी कार्यों में हिस्सा लिया। झंडा फहराने में लोगों ने पुलिस के डंडे भी खाए और जेल में भी गए। सभी ने स्वतंत्रता दिवस को मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लोगों ने निर्भय होकर जुलूस के रूप में अपनी भागीदारी दी।