Gandhi ji ko practical idealist kyu kaha gaya hai

मित्र

​​​​​​ गांधीजी आदर्शों को व्यवहार में मिलाकर प्रयोग करते थे। उनके आदर्श कोरे कहने के लिए नहीं थे। वह उन्हें अपने व्यवहार में शामिल कर प्रयोग में लाते थे। उदाहरण के लिए यदि वह कहते थे कि झूठ बोलना पाप है, तो वह पहले स्वयं झूठ बोलना छोड़ देते थे। धीरे-धीरे इन्हें अपने व्यवहार में शामिल कर लेते। इसके बाद यह आदर्श का रूप धारण कर लेते थे। इसलिए उन्हें practical idealist कहा जाता था।

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