Ganga ke peeda vishey par apne dost ke sath sanvad keejiye.

मित्र!
आपके प्रश्न के उत्तर में हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।

पहला मित्र – सुरेश! मैं कल हरिद्वार से लौटा हूँ। तुमको क्या बताऊँ मित्र, गंगा का पानी कितना गन्दा हो गया है।
दूसरा मित्र – रमेश! यही तो गंगा की पीड़ा है कि वह पवित्र होते हुए भी मैली है। 
पहला मित्र – सुरेश! आजकल तो सरकार गंगा को साफ़ करने के लिए बहुत से अभियान चला रही है।
दूसरा मित्र – हाँ मित्र! सही कहा, पर जब तक हम लोग सचेत नहीं होंगे तब तक गंगा की पीड़ा नहीं मिटेगी और वह साफ़ नहीं हो पाएगी।  

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pls do it yourself 
 
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