Give me solution
मित्र आपका उत्तर इस प्रकार है।
पता:............
दिनांक: ..................
आदरणीय पिताजी,
सादर प्रणाम!
बहुत दिनों से आपका पत्र नहीं आया है। अत: मैं स्वयं ही पत्र लिख रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आप सब वहाँ पर कुशलतापूर्वक होगें। पिताजी आगे का हाल-समाचार यह है कि यहाँ की दिनचर्या मुझे पसंद आने लगी है। आरंभ में भोर के समय उठ जाना और तैयार होना कठिन लगता था। परन्तु अब सब ठीक है। पिताजी मैं सुबह पांच बजे उठकर शौच आदि से निवृत्त हो जाता हूँ। व्यायाम करने के बाद तैयार होकर 7 बजे तक विद्यालय पहुँच जाता हूँ। विद्यालय में एक बजे तक पढ़ाई करता हूँ। विद्यालय समाप्त होने के बाद 2 बजे हम सारे बच्चे साथ में खाना खाते हैं। एक घंटे तक पढ़ाई करते हैं और फिर सोने चले जाते हैं। शाम के पांच बजे से लेकर 6.30 बजे तक खेलते हैं और 7 से 8.30 बजे तक पढ़ाई करते हैं। 9 बजे तक हम सब बच्चे सो जाते हैं। इस प्रकार की दिनचर्या में हमें कड़ा अनुशासन पालन करना होता है। थोड़ी चूक हमें सजा का पात्र बना सकती है। अब इसमें मुझे बहुत आनंद आता है। अपना सारा काम स्वयं करना होता है, जिसके कारण में ज़िम्मेदार बन गया हूँ।
अब पत्र समाप्त करता हूँ। घर में सबको मेरा प्रणाम और प्यार कहिएगा।
आपका पुत्र,
राज
पता:............
दिनांक: ..................
आदरणीय पिताजी,
सादर प्रणाम!
बहुत दिनों से आपका पत्र नहीं आया है। अत: मैं स्वयं ही पत्र लिख रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आप सब वहाँ पर कुशलतापूर्वक होगें। पिताजी आगे का हाल-समाचार यह है कि यहाँ की दिनचर्या मुझे पसंद आने लगी है। आरंभ में भोर के समय उठ जाना और तैयार होना कठिन लगता था। परन्तु अब सब ठीक है। पिताजी मैं सुबह पांच बजे उठकर शौच आदि से निवृत्त हो जाता हूँ। व्यायाम करने के बाद तैयार होकर 7 बजे तक विद्यालय पहुँच जाता हूँ। विद्यालय में एक बजे तक पढ़ाई करता हूँ। विद्यालय समाप्त होने के बाद 2 बजे हम सारे बच्चे साथ में खाना खाते हैं। एक घंटे तक पढ़ाई करते हैं और फिर सोने चले जाते हैं। शाम के पांच बजे से लेकर 6.30 बजे तक खेलते हैं और 7 से 8.30 बजे तक पढ़ाई करते हैं। 9 बजे तक हम सब बच्चे सो जाते हैं। इस प्रकार की दिनचर्या में हमें कड़ा अनुशासन पालन करना होता है। थोड़ी चूक हमें सजा का पात्र बना सकती है। अब इसमें मुझे बहुत आनंद आता है। अपना सारा काम स्वयं करना होता है, जिसके कारण में ज़िम्मेदार बन गया हूँ।
अब पत्र समाप्त करता हूँ। घर में सबको मेरा प्रणाम और प्यार कहिएगा।
आपका पुत्र,
राज