give me th meaning of the poem agneepath paragraph wise.
'अग्नि पथ' कविता में कवि हरिवंशराय बच्चन जी ने मनुष्य के संघर्षमय जीवन को अग्नि के समान कहा है। जिस प्रकार अग्नि के ऊपर से चलना संभव नहीं होता है, उसी प्रकार संघर्ष रुपी जीवन को जीना भी बहुत कठिन होता है। वह मनुष्य को प्रेरणा देते हैं कि अपनी मंजिल को प्राप्त करने के लिए हमें बिना थके, बिना रूके और बिना डरे कर्मठतापूर्वक बढ़ते रहना चाहिए। कठिनाइयाँ और कष्ट तो हमेशा हमारे चारों तरफ़ विद्यमान रहेगें। परन्तु मनुष्य वही कहलाता है, जो उन्हें धकेलता हुआ निरन्तर बढ़ता जाता है। हमारा उठा एक-एक कदम हमें अपनी मंजिल की ओर लेकर जाएगा। ऐसा मनुष्य समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत होता है। यह उत्साह से भरपूर कविता है। जो मनुष्य को बढ़ते रहने की प्रेरणा देती है।