give the explanation Manush Hon to Vahi raskhan varshon Bridge Gokul Gaon Mein Gaya Rang Jo Pasand ho to kah Kaha bus Mera Charan Itna Nand ki Charan kahan ho to Vahi Giri ko jo kiya Hari Chhatra purender dharan Jo khak Ho To bus Shero ke Charon Mili Kali kule ki daren

मित्र

रसखान जी कहते हैं कि यदि मुझे मनुष्य जन्म मिलेगा, तो मैं गोकुल के गाँव में ग्वालों के बीच में रहना पसंद करूँगा। पुनः जन्म लेने में कौन-सी योनी मिले इस विषय में मेरा अपना कोई वश नहीं है। अतः यदि मुझे पशु का जन्म मिलता है, तो में गाय के रूप में नंद की गाय के मध्य चरना पसंद करूँगा। वह कहते हैं कि यदि में पत्थर के रूप में जन्म लूँगा, तो गोवर्धन पर्वत के पत्थर के रूप जन्म लेना चाहूँगा क्योंकि इसे प्रभु हरि ने अपनी छोटी अँगुली में उठाया था और यदि पक्षी का जन्म मिला, तो मैं यमुना के तीर पर स्थित कदंब के वृक्षों पर बसना चाहूँगा। भाव यह है कि कवि को अपने आराध्य देव की भूमि तथा उनसे जुड़ी हर वस्तु से बहुत प्रेम है।

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