godhuli ko gaav ki sampathi kyo kaha gaya hai?
मित्र गोधूलि को गाँव की संपत्ति इसलिए कहा गया है क्योंकि गाँवों में आज भी गाैएँ पाली जाती हैं। उनके पैरों से उड़ने वाली धूल सिर्फ गाँवों में ही देखने को मिलती है। शहरों में चारों तरफ पक्की सड़कें हैं। आज यहाँ गाएँ देखने को नहीं मिलतीं। यहाँ की धूल साधारण है न कि गोधूलि।