gopi aisa iss liye karti hai kyunki usse shri krishan ki basuri jise ve sara din apne mukh se lagakar rakhte hain aur gopiyan uss basuri ko apni sautan samajhti hain.
मेरे टीचर के अनुसार कृष्णा की मुरली गोपियों की सौतन सामान थी , कृष्णा हमेशा अपनी मुरली बजाते थे ,गोपिय चाहती थी की कृष्णा उनके साथ समय व्यतीत करे ,इसलिये गोपी कृष्ण की मुरली को मुख से नहीं लगाना चाहती थी