gopiyo ne udhav ko apratyaksh roop se kya samjhaaya hain

मित्र
आप का उत्तर इस प्रकार है।

गोपियों ने कहा कि है उद्धव हम तुम्हारी तरह बुद्धिमान नहीं हैं। हमें नीति का अर्थ समझ नहीं आता। हमें तो बस प्रेम ही दिखाई देता है और कुछ दिखाई नहीं देता। गोपियों ने उद्धव को समझाया कि तुम कमल के समान हो जो नदी के जल में रहते हुए भी जल की ऊपरी सतह पर ही रहता है। अर्थात् जल का प्रभाव उस पर नहीं पड़ता। श्री कृष्ण का सानिध्य पाकर भी वह श्री कृष्ण  के प्रभाव से मुक्त हैं। तुम जल के मध्य रखे तेल के गागर (मटके) की भाँति हो, जिस पर जल की एक बूँद भी टिक नहीं पाती। उद्धव पर श्री कृष्ण का प्रेम अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाया है। गोपियाँ अप्रत्यक्ष रूप से उन्हेंं कृष्ण से प्रेम करना सिखा रही हैं।

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