Gram shri ki gramin sthiti ke baare mein likiye (long answer)
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
'ग्राम श्री' कविता खेतों, जंगलों, गाँव इत्यादि में व्याप्त प्रकृति के सौंदर्य का वर्णन करती हुई कविता है। इसमें कवि आरंभ खेतों से करता हैं। जहाँ फैली हरियाली उसे रक्त के समान बहती हुई दिखाई देती हैं। पेड़ तथा क्यारियों में भी ऋतु का सौंदर्य अद्भुत है। मटर तथा सेम की बेलें भर गई हैं। खेतों में सब्जियाँ तथा पेड़ों पर फलों की बहार आई हुई है। गाँव का सौंदर्य तो डिब्बे में बंद पन्ने के समान दिखाई देता है। ग्राम की तारों से भरी रात तो सबका मन मोह लेने वाली है।
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
'ग्राम श्री' कविता खेतों, जंगलों, गाँव इत्यादि में व्याप्त प्रकृति के सौंदर्य का वर्णन करती हुई कविता है। इसमें कवि आरंभ खेतों से करता हैं। जहाँ फैली हरियाली उसे रक्त के समान बहती हुई दिखाई देती हैं। पेड़ तथा क्यारियों में भी ऋतु का सौंदर्य अद्भुत है। मटर तथा सेम की बेलें भर गई हैं। खेतों में सब्जियाँ तथा पेड़ों पर फलों की बहार आई हुई है। गाँव का सौंदर्य तो डिब्बे में बंद पन्ने के समान दिखाई देता है। ग्राम की तारों से भरी रात तो सबका मन मोह लेने वाली है।