पापा खो गए' विजय तेंदुलकर द्वारा रचित नाटक है। लेखक इसके माध्यम से एकजुट होकर रहने और बच्चों को असामाजिक तत्वों से बचने के लिए सचेत करते हैं। यह एक बच्ची पर आधारित नाटक है। इस बच्ची को एक चोर उसके घर से उठा लाता है। वह एक स्थान पर उसे छिपा देता है। वहाँ पर उपस्थित लैटरबॉक्स, बिजली का खंभा, पेड़, कौआ और नाचने वाली औरत का पोस्टर आदि बच्ची को अपनी सूझबुझ से चोर से बचा लेते हैं। वह एक होकर सारा कार्य करते हैं। यह नाटक बड़ा ही रोचक है। लेखक ने अपनी कल्पनाशक्ति के आधार पर बहुत ही मज़ेदार रूप दिया है। यह नाटक एक ओर सबका मनोरंजन करता है, तो दूसरी ओर महत्वपूर्ण सीख भी देता है। पाठ यह संदेश देता है कि मित्रता और एकता ऐसे भाव हैं, जिनसे असंभव कार्य को भी संभव किया जा सकता है।