gurudev ne maina ko lakshya karke kavita ne kya likha

मित्र हम आपको उत्तर लिखकर दे रहे हैं। 
गुरूदेव ने अपने बगीचे में रहने वाली एक मैना की करूण स्थिति पर कविता लिखी। उन्होंने बताया कि वह मैना अपने समूह से अलग रहती है। शायद उसके समूह ने उसका निर्वासन कर दिया है। परंतु उसका कारण क्या है यह गुरूदेव को नहीं पता। वह एक पैर से लंगड़ा भी रही है। वह गुरूदेव के बगीचे में रहती है तथा उनसे बिल्कुल नहीं डरती। शायद वह गुरूदेव के प्रति आत्मीय भाव रखती है। उसका कोई साथी नहीं है। वह अकेले ही कीड़े-मकौड़ों का शिकार करके अपना पेट भरती है। वह गुरूदेव के बरामदे में फुदकती रहती है। गुरूदेव उसकी ऐसी दशा पर चिंतित होते हैं। वे सोचते हैं कि आखिर क्यों इसके समूह ने इसे छोड़ दिया। क्या इसने अपने समूह की किसी अनुचित बात का विरोध किया जिसकी सज़ा इसे मिल रही है। 

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