haldar sahab kis prakar ke deshbhakti k samaksh natmastak hue

हालदार साहब कैप्टन जैसी देशभक्ति के समक्ष नतमस्तक हो गए। उसे अपने देश तथा देश से जुड़ी हर वस्तु से प्रेम था। वह उनका सम्मान बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करता था।

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