Hamen kam ko kal ke Bharose Kyon Nahin cbodna chahiye
मित्र
हमें काम को कल के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए। मनुष्य स्वभाव से आलसी होता है। आज का काम कल पर टालता है और कल का काम परसों पर टालता रहता है। तब वह काम पुराना हो जाता है। उसका उतना मूल्य नहीं रहता। कर्मठ व्यक्ति वही है जो काम को कल के लिए नहीं छोड़ता । ऐसा व्यक्ति जो अपना काम समय पर करता है और कभी समय को व्यर्थ नहीं गँवाता तथा दूसरों पर निर्भर नहीं रहता ऐसे व्यक्ति के कदम सफलता अवश्य चूमती है। कर्मठ तथा आत्मनिर्भर व्यक्ति दूसरों के लिए प्रेरणा-स्रोत बन जाता है। कर्मशील व्यक्ति अपनी किस्मत अपने हाथों से स्वयं लिखते हैं। इस प्रकार मनुष्य में कर्मठता तथा स्वावलंबन की भावना का विकास होता है। यदि हम आज का काम आज ही कर लें तो हमें बोझ नहीं लगेगा। वही काम कल के लिए रख लें तो वह बोझ बनकर रहेगा।
हमें काम को कल के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए। मनुष्य स्वभाव से आलसी होता है। आज का काम कल पर टालता है और कल का काम परसों पर टालता रहता है। तब वह काम पुराना हो जाता है। उसका उतना मूल्य नहीं रहता। कर्मठ व्यक्ति वही है जो काम को कल के लिए नहीं छोड़ता । ऐसा व्यक्ति जो अपना काम समय पर करता है और कभी समय को व्यर्थ नहीं गँवाता तथा दूसरों पर निर्भर नहीं रहता ऐसे व्यक्ति के कदम सफलता अवश्य चूमती है। कर्मठ तथा आत्मनिर्भर व्यक्ति दूसरों के लिए प्रेरणा-स्रोत बन जाता है। कर्मशील व्यक्ति अपनी किस्मत अपने हाथों से स्वयं लिखते हैं। इस प्रकार मनुष्य में कर्मठता तथा स्वावलंबन की भावना का विकास होता है। यदि हम आज का काम आज ही कर लें तो हमें बोझ नहीं लगेगा। वही काम कल के लिए रख लें तो वह बोझ बनकर रहेगा।