Hamid khan path ke adhar par takshilaka ka varnan kijiye

मित्र!
इस पाठ में तक्षशिला का अधिक वर्णन नहीं मिलता है। जो दिया गया है, उसके आधार पर हम वर्णन दे रहे हैं।-
तक्षशिक्षा पाकिस्तान का हिस्सा है। यहाँ पर प्राचीन इमारत विद्यमान है। इसे देखने के लिए लेखक एक बार वहाँ गया था। वहाँ अत्यधिक गर्मी थी। इस कारण शीघ्र ही लेखक को भूख और प्यास लग आई। लेखक भोजन पानी की खोज में एक गाँव में पहुँचा। गाँव की गलियाँ बहुत संकरी थीं। लेखक उनसे होता हुआ एक ढाबे में पहुँचा। वह हामिद का ढाबा था। 

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