hanpan ki badalti tasvir par essay chahiye

मित्र हम इस विषय पर आपको एक लेख उपलब्ध करवा रहे हैं। आशा करते हैं कि यह आपकी सहायता करेगा-

हमारे जीने के तरीके, खानपान और पहनावे में बहुत ही बदलाव आया है। पहले भारतीय सामान्य-सा जीवन व्यतीत करते थे। सुबह उठकर तैयार होकर पूजा करना और कार्यालय जाना तथा शाम को घर आकर परिवार के साथ समय व्यतीत करना उनकी दैनिक दिनचर्या थी। परन्तु आज भारतीयों में पार्टी, डिस्को, बाहर डिनर इत्यादि  चलन सामने आए हैं। लोग पहले की जीवन पद्धति से तंग आ चुके हैं। इस तरह का जीवन उन्हें समय की बर्बादी लगता है। इसी तरह खानपान में भी बहुत बदलाव आया है। लोग अब दाल, चावल, रोटी सब्जी खाकर उकता चुके हैं। पिज्ज़ा़, बर्गर, चाइनीज़, इटैलियन खानों ने इनका स्थान ले लिया है। लोग घर का खाना छोड़कर इन व्यंजनों पर पैसा लुटाते हैं। एक उत्तर भारतीय परिवार में यूरोपियन, इटेलियन, दक्षिण भारतीय व्यंजनों का मित्रण देखा जा सकता है। इसी तरह एक दक्षिण भारतीय परिवारों में भी एेसा ही बदलाव देखने को मिलता है। पहनावा भी अब इस बदलाव से अछूता नहीं रहा है। अब भारतीय परिवारों में यूरोपियन जींस और टी-शर्ट्स ने स्थान ले लिया है। भारतीय पहनावे तो अब किसी त्योहार या विवाह आदि अवसरों पर पहने जाते हैं। पहले पहनावा मनुष्य के शरीर को ढकने तथा शीतोष्ण से बचने के लिए पहना जाता था। परन्तु आज वह स्वयं को विशिष्ट दिखाने का साधन है। इसमें भारतीय रोज हज़ारों रूपए व्यय करते हैं। इस तरह से भारतीय लोगों में भटकाव और विदेशी संस्कृति के प्रति रूझान स्पष्ट दिखाई दे रहा है। वह स्वयं के देश से कटने लगे हैं और अन्य देशों के प्रति झुकने लगे हैं। यह स्थिति हमारे देश के लिए उचित नहीं है।

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