Hasya ras ki asan pribhasha

प्रिय मित्र!
हम आपके प्रश्न के लिए अपने विचार दे रहे हैं। आप इसकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं। 

हास्य का अर्थ है हँसना। हमें कुछ चीज़ों को देखकर मन में हँसी का भाव आता है जैसे किसी के वस्त्र, बातचीत का तरीका, हावभाव, बातें सुनकर इत्यादि। यही हास्य रस है। इसका स्थाई भाव होता है `हास`।
उदाहरण के लिए -
 हाथी जैसा देह है,गेंड़े जैसी चाल।
तरबूजे सी खोपड़ी,खरबूजे सा गाल।
 

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