Hello,
i ned the summary of shukratare ke samman along with all the important incidents
thank you

मित्र आप इस प्रकार सारांश लिख सकते हैं-
'शुक्रतारे के समान' पाठ गांधी जी के सहायक श्री महादेव जी की जीवनी पर आधारित है। महादेव जी एक प्रतिभाशाली व्यक्ति थे। इन्होंने वकालत तक की शिक्षा ग्रहण की थी। सरकारी नौकरी में भी कुछ समय तक मन लगाया परन्तु बाद में उसे भी छोड़ दिया। कुछ समय पश्चात इन्होंने साहित्य की तरफ़ अपना ध्यान लगाया और टैगोर जी की रचनाओं का अनुवाद भी किया। महादेव जी के अन्दर सरलता, निष्ठा, समर्पण, सज्जनता, निरभिमान और मेहनती इत्यादि गुण कूट-कूटकर भरे हुए थे। इनके बिना गांधी जी की कल्पना करना संभव नहीं था। गांधी जी के साथ व सेवा को इन्होंने अपना उद्देश्य बना लिया और स्वयं कभी विवाह नहीं किया। यह इतने प्रतिभाशाली व्यक्ति थे कि गांधी जी द्वारा दिए गए भाषणों, चर्चाओं, मुलाकातों, वार्तालापों, प्रार्थना-प्रवचन और टिप्पणियों आदि को जेट की सी गति से लिखते थे, वह भी शॉटहैंड में नहीं ब्लकि लंबी व सुन्दर लिखावट के साथ पर मजाल हो एक शब्द या पंक्ति उनसे छूट जाए। गांधी जी के लेख या पत्र भी इनकी लिखाई में जाया करते थे। इनके इन्हीं गुणों के कारण गांधी जी ने इन्हें अपना वारिस घोषित किया था। यह गांधी जी के साथ हर समय उपस्थित रहते थे। इतनी व्यस्तताओं के बावजूद वह 'यंग-इंडिया' व 'नवजीवन' के लिए लेख भी लिखते थे। गांधी जी की आत्मकथा का इन्होंने ही अंग्रेजी में अनुवाद किया था। अत्यधिक मेहनत व मीलों पैदल चलकर आना-जाना इनकी अकाल मृत्यु का कारण बना। इनकी मृत्यु का दर्द गांधी जी के साथ सदैव रहा। इनके इन गुणों ने लेखक को उन्हें 'शुक्र तारे' के समान चमकीला माना है, जिसकी आभा संसार को मुग्ध कर देती है।

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