Hi friends,I need the summary of the chapter 3 of kshitij class 10th (Please!)

'सवैया एवं कवित्त' में देव की तीन सुंदर रचनाओं का समावेश किया गया है। इसमें एक सवैया और दो कवित्त हैं। पहली रचना में देव जी ने श्री कृष्ण के रूप-सौंदर्य का बड़ा सुंदर वर्णन किया है। कृष्ण की वेशभूषा और पहने हुए आभूषण में कृष्ण का सौंदर्य मन को मोह लेता है। वह ऐसे लगते हैं मानो जग रूपी मंदिर में रखे गए दीपक और ब्रज के दूल्हे हों। दूसरी रचना में देव जी ने बसंत को बालक रूप में चित्रित किया है। जिसका प्रकृति और सभी प्राणी ध्यान रख रहे हैं। कोमल नए पत्तों से बालक के लिए झूला बनाया गया है। वायु उसे झुला रही है और सभी पक्षी विभिन्न कार्यकलापों द्वारा उसका मंनोरजन कर रहे हैं। इस बालक की नजर कमल रूपी युवती बेल रूपी साड़ी पहन कर उतार रही है। गुलाब इस बच्चे को चटकारी देकर उठाता है। तीसरी रचना में देव जी ने चाँदनी रात का वर्णन किया है। चाँदनी रात में सारा वातावरण दुग्धमय-सा लगता है, जो ह्दय को आनंदित करता है। वह विभिन्न उदाहरणों द्वारा प्रकृति की सुंदरता की तुलना करते हैं। चंद्रमा को राधा के प्रतिबिम्ब के समान बताते हैं। देव जी ने चाँदनी रात का बहुत मनोहारी वर्णन किया है। दुध, दही, मल्लिका के फूलों से उन्होंने अपनी बात को सिद्ध किया है। उनके जैसा चाँदनी रात का वर्णन कम ही देखने को मिलता है। देव प्रकृति का वर्णन करने में चतुर कवि हैं। उनके जैसा प्रकृति वर्णन उनके समकालीन कवियों में कम ही देखने को मिलता है।

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