hindi speech about "kaamchor"

यदि सारा-परिवार मिल जुलकर कार्य करे तो घर को सुखद बनाया जा सकता है। इससे घर के किसी भी सदस्य पर अधिक कार्य का दबाव नहीं पड़ेगा। सब अपनी अपनी कार्यक्षमता के आधार पर कार्य को बाँट लें उसे समय पर निपटा लें तो सब को एक दूसरे के साथ वक्त बिताने का अधिक समय मिलेगा इससे सारे घर में आपसी प्रेम का विकास होगा और खुशहाली ही खुशहाली होगी। इसके विपरीत यदि घर के सदस्य घर के कामों के प्रति बेरूखा व्यवहार रखेंगे और किसी भी काम में हाथ नहीं बटाएँगे तो सारे घर में अशांति ही फैलेगी, घर में खर्च का दबाव बनेगा, घर के सभी सदस्य कामचोर बन जाएँगे और अपने कामों के लिए सदैव दूसरों पर निर्भर रहेंगे जिससे एक ही व्यक्ति पर सारा दबाव बन जाएगा। यदि इन सबसे निपटने की कोशिश की गई तो वही हाल होगा जो कामचोर में घर के बच्चों ने घर का किया था। वे घर की शन्ति सुःख को एक ही पल में बर्बाद कर देंगे। इसलिए चाहिए कि बचपन से ही बच्चों को उनके काम स्वयं करने की आदत डालनी चाहिए ताकि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया जाए और घर के प्रति ज़िम्मेदार भी।

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