वृक्षारोपन तथा स्वर्णिम भारत पर निबंध

मित्र हम आपको इस विषय पर एक निबंध भेज रहे हैं। दूसरा आप इसी प्रकार लिखें।
पृथ्वी हमारा निवास-स्थान है। हमारे जीवन में इसकी उपयोगिता एक माँ के समान है। भारत में तो इसे माँ की ही संज्ञा दी गई है। धरती, माँ की भांति हमारा पालन-पोषण करती है। हमारी हर छोटी-बड़ी आवश्यकताओं को पूरा करती है। हम उसके बालक के समान हैं। इस पृथ्वी का महत्वपूर्ण अंग है वृक्ष। इनके माध्यम से हमारी बहुत-सी आवश्यकताएँ पूरी होती हैं। वृक्ष, प्रकृति की तरफ़ से दी गई अमूल्य धरोहर है।

वृक्षों से होने वाले लाभों का यदि आंकलन किया जाए, तो वे अद्वितीय हैं। वृक्ष मनुष्य के लिए जीवनदायिनी ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं। वे वातावरण मैं विद्यमान कार्बन डाईऑक्साइड को ग्रहण कर ऑक्सीजन विसर्जित करते हैं। इस तरह ये वातावरण को शुद्ध बनाते हैं। कार्बन डाईऑक्साइड की अधिकता के कारण वातावरण का तापमान बढ़ता है। अत: ये पृथ्वी की इस हानिकारक गैस का अवशोषण कर तापमान को नियंत्रण करने का कार्य भी करते हैं। मनुष्य की भोजन, औषधि, वस्तु निर्माण संबंधी आदि आवश्यकताओं को भी वृक्ष ही पूरा करते हैं। वृक्षों की पत्तियों से अच्छी खाद बनाई जाती है। इनसे प्राप्त होने वाली लकड़ी को ईंधन के रूप में जलाया जाता है। इस लकड़ी से विभिन्न तरह के फर्नीचरों का निर्माण भी किया जाता है। वृक्षों का महत्वपूर्ण कार्य होता है, मिट्टी के कटाव को रोकना। वृक्षों की जड़ें धरती में बहुत गहराई तक होती हैं। वे अपनी जड़ों से मिट्टी को बाँधे रखते हैं। इसके कारण बरसात के समय मिट्टी (मृदा) का कटाव नहीं होता और उपजाऊ मिट्टी का संरक्षण हो जाता है।

वृक्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। परन्तु हम यह सब जानते हुए भी अपने स्वार्थ के लिए इनकी अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं। हम अपने घरों, खेतों और वस्तु निर्माण संबंधी आवश्यकताओं के लिए इनका प्रयोग कर रहे हैं। हम इनकी कटाई जितनी तेज़ी से कर रहे हैं, उतनी तेज़ी से हम अपनी जड़ें भी काट रहे हैं। हम यह भूल जाते हैं कि हमारा जीवन इन पर निर्भर है। यदि यही कट गए, तो हमारा जीवन कैसे जीवित रहेगा। वृक्षों के कटाव के कारण आज भयंकर स्थिति उत्पन्न हो गई है। वायुमण्डल में प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है। यह प्रदूषण मनुष्य के लिए हानिकारक हो गया है। इस प्रदूषण के कारण वायुमण्डल का तापमान लगातार बढ़ रहा है। ध्रूवों में स्थित बर्फ भी इसी कारण लगातार पिघल रही है। यह बर्फ जहाँ हमारी पानी की आवश्यकता को पूरा करती हैं, वहीं यदि यह पिघल जाए, तो समुद्र के जल-स्तर को बढ़ा सकती है, जिससे प्रलय की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इन सब समस्याओं को देखते हुए वृक्षों की उपयोगिता पर हमारा ध्यान केंद्रित होना चाहिए।  

वृक्ष हमारे लिए ही नहीं अपितु समस्त मानवजाति के लिए महत्वपूर्ण है। हमें चाहिए कि वृक्षों के महत्व को समझें। स्वयं और अन्य लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करें। वृक्षों के बिना हमारा जीवन असंभव है। हमें चाहिए कि वृक्षों की कटाई को सख्ती से रोका जाए। सरकार ने भी इस ओर ध्यान देना आंरभ कर दिया है। परन्तु सरकार को चाहिए कि इसके लिए और भी कड़े कानून बनाएँ। अधिक पेड़ों को लगाया जाए। कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा वृक्षारोपण पर ज़ोर दिया जा रहा है। सरकार भी समय-समय पर वृक्षारोपण कार्यक्रमों का आयोजन करवाती है। ग्रामीण लोगों में भी जागरूकता पैदा की जा रही है। हमें स्वयं भी इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। यह मात्र सरकार का कर्तव्य नहीं है, अपितु हमारा भी कर्तव्य बनता है क्योंकि यह पृथ्वी भी हमारा घर है। 

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