कलकत्ता वासियों के माथे पर क्या कलंक था और उन्होंने इसे किस प्रकार मिटाया?

कलकत्तावासियों पर कलंक था कि वह देश की आज़ादी के प्रति सजग नहीं है। 26 जनवरी को उन्होंने स्वतंत्रता दिवस मनाकर और आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेकर यह कलंक धो दिया।

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