​तोप कहानी रुप में लिखीए.

मित्र!
इस विषय पर कहानी इस प्रकार है।-
मैं तोप हूँ। कंपनी बाग के मुहाने पर रखी हुई हूँ। पहले मैं बहुत जबर हुआ करती थी। लोग मेरी ताकत से ही डर जाया करते थे। मैं कंपनी बाग की रक्षक थी। मगर समय बदल गया है और आज में ऐसे ही पड़ी हुई हूँ। यह किला अब स्मारक के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। हज़ारों लोग इसे प्रतिदिन देखने आते हैं। आज में लोगों को डराती नहीं हूँ। बस लोगों के लिए आश्चर्य का विषय बनी हुई हूँ। लोग मेरे साथ फोटो खिंचवाते हैं। मैं बच्चों के खेलने और चिड़ियों के रहने का घर बनी हुई हूँ। मेरी तरफ सरकार का ध्यान साल में दो बार आता है। एक 26 जनवरी तथा दूसरा 15 अगस्त। लोगों का यह व्यवहार मुझे दुखी करता है।

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