हिमालय को देवात्मा क्यों कहा गया है

 

नमस्कार मित्र!
प्राचीन ग्रंथों में हिमालय को माँ गौरी का पिता कहा गया है। हिमालय को भी देवता के रूप में पूजा जाता है। कहा जाता है कि पूरे भारत की प्यास हिमालय से निकलने वाली नदियों से बुझती है। देवताओं के लिए भी यह पवित्र स्थान है। यहाँ तपस्या करके कितने ही देवी-देवताओं ने अपने मनोवांछित फल पाए हैं। इन सभी कारणों से हिमालय को देवात्मा कहा जाता है।
 
ढेरों शुभकामनाएँ!

 

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क्योंकि ये नदियाँ हमारा आरम्भिक काल से ही माँ की भांति भरण-पोषण करती रही है। ये हमें पीने के लिए पानी देती है तो दूसरी तरफ इसके द्वारा लाई गई ऊपजाऊ मिट्टी खेती के लिए बहुत उपयोगी होती है। ये मछली पालन में भी बहुत उपयोगी है अर्थात्‌ ये नदियाँ सदियों से हमारी जीविका का साधन रही है। हिन्दू धर्म में तो ये नदियाँ पौराणिक आधार पर भी विशेष पूजनीय है। हिन्दु धर्म में तो जीवन की अन्तिम यात्रा भी इन्हीं से मिलकर समाप्त हो जाती है। इसलिए ये हमारे लिए माता के समान है जो सबका कल्याण ही करती है। 

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