'पाठ मानवीय करुणा की दिव्य चमक' में लेखक द्वारा फ़ादर बुल्के को अधिक छायादार, फल फूल और गंध से भरा कहने का क्या आशय है?

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-

इस प्रकार से कहकर लेखक फादर बुल्के के स्वभाव की विशेषता बता रहा है। उनके अनुसार उनके साथ रहना ऐसा था, जैसे की छायादार वृक्ष के नीचे बैठना। अपनों को वे प्रेम और आशीर्वाद देते रहते थे। उनकी मंगलकामना ही उनका उद्देश्य था। अतः फल, फूल, गंध से भरा था उनका साथ।

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