अग्निपथ कविता में महान दृश्य से कवि का क्या तात्पर्य है।

मित्र!
हमारे एक मित्र ने भी आपके प्रश्न का उत्तर दिया है। हम इसे हिंदी में दे रहे हैं।

अग्निपथ कविता में कवि ने कहा है कि ये महान दृश्य है, चल रहा मनुष्य है। `महान दृश्य` से कवि का तात्पर्य है कि अपने जीवन के लक्ष्य को पाने के लिए मनुष्य संघर्ष कर रहा है। दुनिया के दुखों से टूट नहीं रहा है। अपनी कठिनाइयों का सामना खुद कर रहा है और कभी किसी के सहारे या भरोसे पर ना बैठ कर अपनी राह खुद चुन रहा है। 

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Ye mahan drushya hai
Chal raha manushya hai
In pantiyo mein kavi ye kehna chahte hai ki ye yek bhohot he adhbhut drushya hai ki manushya chal raha hai, apne kathinayo ka samna kar raha hai aur apne raste se bhatak nahi raha hai..
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