'इन से आप लोग त्याग और हिममत सीखें।' आज का युवा इस कथन से क्या प्रेरण ग्रहण कर सकता है।

त्याग और हिम्मत को स्पष्ट भी करें

मित्र!
आपका उत्तर इस प्रकार है-
 
 
ये कथन गांधी जी का है दरबार लोग अपना घर-बार सब छोड़ कर रास में आकर बस गए थे उन्होंने अपनी रियासत तक छोड़ दी थी इस कार्य के लिए बहुत त्याग और हिम्मत की आवश्यकता थी, जो उन्होंने दिखाई आज का युवा वर्ग इस कथन से त्याग और हिम्मत ग्रहण कर सकता है कैसा भी समय हो, कितना भी अँधेरा क्यों न हो; घबराना नहीं चाहिए। आपस में मिलजुल कर सामना करना चाहिए। परिस्थिति अनुकूल हो या प्रतिकूल, हमेशा सबकी सहायता लेकर मुकाबला करना चाहिए। आपसी सहयोग और मेल-मिलाप से हर विपरीत परिस्थिति को बदल सकते हैं।  

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