प्रेमचंद ने इस कहानी का नाम ' नादान दोस्त ' रखा। तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे ?
मेरेअनुसारइसकहानीकानाम''नादानबचपन''होनाचाहिएक्योंकियेकहानीउनबच्चोंकीहै;जोअपनेबलसेएकऐसीनादानीकरदेतेहैं।जिससेचिड़ियाकोअपनेअंडोसेहाथधोनापड़ताक्योंकियदिवेपरिपक्व(समझदार)होतेतोवेऐसीनादानीनहींकरते।