बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण क्यों थी ?
वृद्धहोते हुए भीउनकी स्फूर्तिमें कोई कमीनहीं थी। सर्दीके मौसम में भी,भरेबादलों वालेभादों की आधीरात में भी वेभोर में सबसेपहले उठकर गाँवसे दो मील दूरस्थित गंगास्नान करने जातेथे,खेतोंमें अकेले हीखेती करते तथागीत गाते रहते।विपरीत परिस्थितिहोने के बाद भीउनकी दिनचर्यामें कोई परिवर्तननहीं आता था।एक वृद्ध मेंअपने कार्य केप्रति इतनीसजगता को देखकरलोग दंग रह जातेथे।