"अनेक देशों के बच्चों की यह फ़ौज अलग-अलग भाषा, वेशभूषा में होकर बी एक जैसी ही है। कई देशों के बच्चों को इकट्ठा कर दो, वे खेलेंगे या लड़ेंगे और यह लड़ाई भी खेल जैसी ही होगी। वे रंग, भाषा या जाति पर कभी नहीं लड़ेंगे।"

ऊपर के वाक्यों को पढ़ो और बताओ कि– 

(क) यह कब, किसने, किसमें और क्यों लिखा?

(ख) क्या लड़ाई भी खेल जैसी हो सकती है? अगर हो तो कैसे और उस खेल में तुम्हारे विचार से क्या-क्या हो सकता है?

(क) यह 1950 के 'शंकर्स वीकली' के बाल विशेषांक में श्री जवाहर लाल नेहरू ने लिखा था। शंकर पिल्लै का विचार था कि बच्चों के हित के लिए बाल चित्रकला प्रतियोगिता रखी जाए जिससे देश विदेश के बच्चे आपस में मिले। यह विचार नेहरू जी को पसंद आया तभी उन्होंने ऐसा लिखा।

(ख) लड़ाई भी खेल हो सकती है, जिसे हम प्रतियोगिता का नाम देते हैं। इसमें कोई भी प्रतियोगिता हो सकती है। इस प्रकार के खेल या प्रतियोगिता में एक दूसरे से बेहतरीन प्रदर्शन करना ही मुख्य होता है।

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