पर्वत के ह्रदय से उठकर ऊँचे- ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर क्यों देख रहे थे? और वे किस बात को प्रतिबिंबित कर रहे थे?

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आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।

पर्वत के ह्रदय से उठकर ऊँचे- ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर देख रहे थे। वृक्ष आकाश की ओर स्थिर भाव से देख रहे थे।  इस बात को प्रतिबिंबित कर रहे थे कि लक्ष्य की ओर हमारी आंखें होनी चाहिए।  हमारा सारा ध्यान लक्ष्य को पाने के लिए होना चाहिए। अपने मन में ऊंचा उठने की महत्वकांक्षा रखनी चाहिए।  शांत भाव से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की चेष्टा करनी चाहिए।

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