यदि शब्द न हो तो भाषा का कोई अस्तित्व नहीं होता है।

मतलब   ????????

नमस्कार मित्र!
 
शब्द के बिना भाषा का अस्तित्व संभव नहीं हो सकता-
इस पंक्ति का अर्थ है कि भाषा चाहे मौखिक हो या लिखित भाषा तभी बोली या लिखी जाती है, जब स्वर और व्यंजनों के योग से वर्ण बनता है। वर्णों को जोड़कर शब्द बनता है, शब्दों को मिलाकर एक वाक्य बनता है और एक वाक्य से ही पूरा साहित्य और ये सब भाषा का रूप धारण कर लेते हैं। जब आंरभिक चीज़ें नहीं होगीं तो भाषा कैसे होगी।

 

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