स्वयंवर स्थल पर शिव धनुष तोड़ने वाले को परशुराम ने किस प्रकार धमकाया ?

मित्र स्वयंवर स्थल पर शिव धनुष तोड़ने वाले को परशुराम ने बुरी तरह धमकाया। शिव धनुष भंग होने का समाचार सुनकर परशुराम क्रोधित होकर सभा में उपस्थित हुए। वह उस व्यक्ति पर बहुत क्रोधित होते हैं, जिसने उनके आराध्य देव शिव का धनुष तोड़ा है। उनकी दृष्टि में शिव धनुष तोड़ने वाला गुरु द्रोही था। वह उसे दण्ड देने के उद्देश्य से सभा में पुकारते हैं। उनके आराध्य का धनुष तोड़ने वाला उनके शत्रु के समान है। इसलिए उसे युद्ध के लिए ललकारते हैं। परशुराम जी श्री राम को सम्बोन्धित करके कहते हैं- हे राम सुनो जिसने मेरे आराध्य देव शिव का यह धनुष तोड़ा है वह सहस्त्रबाहु के समान मेरा शत्रु है। मुनिवर आगे क्रोध में कहते हैं, जिसने इस धनुष को तोड़ा है वह इस सभा में बैठे हुए व्यक्तियों से अलग हो जाए, नहीं तो सभी राजा मारे जाएँगे। 

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