महर्षि भरत पर एक अनुच्छेद लिखें।

प्रिय मित्र आपका उत्तर इस प्रकार है - महर्षि भरत को हम भरत मुनि के नाम से भी जानते हैं । भरत मुनि ने नाटय शास्त्र नामक ग्रंथ लिख कर अपनी अनुपम मेधा का परिचय दिया । महर्षि भरत बड़े प्रतिभाशाली थे । भरतमुनि नाट्यशास्त्र के गहन जानकार और विद्वान थे।इनके द्वारा रचित ग्रंथ नाट्यशास्त्र भारतीय नाट्य और काव्यशास्त्र का आदि ग्रंथ है । इस में सर्वप्रथम रस सिद्धांत की चर्चा की गई है । रस सिद्धांत के प्रसिद्ध सूत्र विभावानुभाव संचारीभाव संयोगद्रस निष्पत्ति : की स्थापना की गई है। आचार्य भरत मुनि ने अपने नाट्य शास्त्र की उत्पत्ति ब्रह्मा से मानी है। भरत मुनि द्वारा रचित नाटक 'देवासुर संग्राम ' का सर्वप्रथम अभिनय इंद्र की सभा में देवों की विजय के बाद हुआ था । भरत मुनि ने नाथ शास्त्र की रचना करके अपना स्थान अतुलनीय बना लिया ।

  • 0
What are you looking for?