बिजली के संकट को लेकर दो व्यक्तियों की बातचीत 

प्रिय छात्र
इस विषय पर आप इस तरह से संवाद लिख सकते हैं-

अमर- तुम कहाँ जा रहे हैं?

रतन- मार्किट जा रहा हूँ। मोमबत्ती लाने जा रहा हूँ। फिर लाइट चली गई है। अंधेरे में बच्चों को चोट लग जाएगी।

अमर- चल मैं भी साथ चलता हूँ। बहुत गर्मी पड़ रही है। बाहर कम से कम इस गर्मी से राहत तो मिलेगी। आखिर यह कब तक चलेगा। सरकार कुछ क्यों नहीं करती है?​

रतन- इसमें सरकार के साथ हमें भी काम करने की आवश्यकता है। लोग जब तक बिजली होती है उसका अंधाधुंध प्रयोग करते हैं। अगर पहले बचत करते, तो यह नहीं होता है। आवश्यकता है हमें भी सरकार के साथ काम करने की।

अमर- हम क्या कर सकते हैं?

रतन- हम बिजली का सही प्रयोग कर सकते हैं। आवश्यकता होने पर ही बिजली का प्रयोग करें।


धन्यवाद।
 

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रिया :  अरे टीना  बहन कैसी हो?

 

टीना: क्या पूछती हो बहन इस बिजली कटौती ने तो नाक में दम कर के रखा है।

 

रिया :  हां खेर यह तो रोज़ की समस्या बन गई है।

 

टीना: पहले तो बिजली कटौती नियमित समय पर होती थी तो सब काम आराम से होते रहते थे परंतु अब तो कोई समय ही नहीं है कि कब बिजली कट जाए।

 

रिया   : हां इसी के चलते अब मैं अपने फोन और बाकी सभी उपकरण पहले से चार्ज करके और पानी भर कर रखती हूं।

 

टीना : यह सब तो मैं भी करके रखती हूं लेकिन कल मुझे अचानक कहीं जाना पड़ गया तो मैं पानी नहीं भर पाई और अब मेरे पास पीने का पानी भी नहीं है और बिजली भी कट गई है।

 

रिया :  ओहो यह तो बहुत समस्या का विषय बन गया। पर तुम अब कहां जा रही हो?

 

टीना :अब मैं बिजली दफ्तर जा रही हूं इस बिजली कटौती की शिकायत करने।

 

रिया : अच्छा चलो मैं भी तुम्हारे साथ चलती हूं।

 

टीना : हां ठीक है।

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