हरिहर काका संयुक्त परिवार के मूल्यों के प्रति एक समर्पित व प्रेरक मानव थे। 

प्रिय छात्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-

आप कैसे कह सकते हैं कि हरिहर काका संयुक्त परिवार के मूल्यों के प्रति एक समर्पित व प्रेरक मानव थे। पठित पाठ के आधार पर समझाइए।
उत्तर: - हरिहर काकी चार भाई थे। हरिहर काका की दो शादियाँ हुई थीं, परंतु उनके कोई बच्चा नहीं हुआ और उनकी दोनों बीवियाँ भी मर चुकी थीं। उनका परिवार एक संयुक्त परिवार था। परिवार के पास 60 बीघा जमीन थी। उस हिसाब से हरिहर काका के हिस्से में 15 बीघा जमीन आती थी। वैसे तो उनके भाइयों ने अपनी पत्नियों से कह रखा था कि वे हरिहर काका की खूब सेवा करें-पर वे इस बात का पालन नहीं करती थीं। हरिहर काका को खाने में बचाखुचा भोजन ही मिलता था। जब कभी उनकी तबियत खराब हो जाती, तो उनको कोई पानी तक नहीं पूछता था। अपने ही घर में उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जाता था, परन्तु इतना सब कुछ होने के बाद भी वह अपने भाइयों के साथ ही रहना चाहते थे। वे संयुक्त परिवार के मूल्यों के प्रति एक समर्पित व प्रेरक मानव थे। यदि वह चाहते तो अपने परिवार से अलग रहकर सुखी जीवन बिता सकते थे, परन्तु उन्हें मिलजुलकर रहने में ही सुख की अनुभूति होती थी। उनके भाइयों ने उनकी सेवा करके उन्हें प्रभावित करना चाहा जिससे कोका अपने हिस्से की जमीन उनके नाम करके उन्हें समृद्ध कर दें, परंतु जब इससे भाइयों को कुछ प्राप्त न हुआ तो उनकी पत्नियों तथा बच्चों ने काका को जबरन घर में कैद कर लिया। उन्हें बुरी तरह मारा-पीटा और जमीन के कागजातों पर जबरदस्ती अंगूठा लगवा लिया। हरिहर काका अपने परिवार के स्वार्थ को भली-भाँति समझते थे, परंतु फिर भी वे अपने परिवार के प्रत्येक सदस्य से अत्यंत प्रेम करते थे।

सादर।

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ddusiianxa
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Hi friends
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Helo
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Koi h kya
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Hello ananya
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Sb chle gye kya
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