अपने छोटे भाई को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए पत्र लिखिए 

उत्तर–


२१०, रामनगर
पटियाला।

२०/०४/२०२२

प्रिय सुरेश,
चिरंजीव रहो।

आज ही मुझे माता जी का पत्र मिला। यह जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई कि तुमने कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। लेकिन यह जानकर दुख हुआ कि तुमने यह सफलता अपना स्वास्थ्य गँवाकर प्राप्त की है। मुझे यह पता लगा है कि तुम केवल सारा दिन पढ़ाई में ही व्यस्त रहते हो ना तो तुम व्यायाम करते हो ना ही भ्रमण के लिए जाते हो।

 मेरी इच्छा है कि तुम विद्वान बनो लेकिन साथ ही अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए व्यायाम से ही मस्तिष्क का विकास होता है, क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास करता है। स्वास्थ्य का पूरा पूरा ध्यान रखना चाहिए स्वास्थ्य बहुमूल्य धन है जिसने स्वास्थ्य पा लिया उसने सब कुछ पा लिया।
मैं आशा करता हूं कि तुम किताबी कीड़ा ना बन कर अपने स्वास्थ्य का भी पूरा-पूरा ध्यान रखोगे। और खेलों के लिए प्रोत्साहित करो।

 तुम्हारा अग्रज ,
सौरभ

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