मुझे मित्रता से संबंधित पाँच दोहे चाहिए| बहुत जरूरी है आज ही चाहिए!!!!!!
गिरिये परवत शिखर ते, परिये धरनि मंझार
मूरख मित्र न कीजिए, बूडो काली धार
संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि चाहे पर्वत के शिखर से गिरना पड़े, मझधार में फंसे हों या कीचड में धंसना पड़े तब भी मूर्ख से मित्र मत कीजिए।