पुस्तक के पहले अध्याय के पहले अनुच्छेद में लेखक ने सजीव ढंग से अवध की तसवीर प्रस्तुत की है। तुम भी अपने आसपास की किसी जगह का ऐसा ही बारीक चित्रण करो। यह चित्रण मोहल्ले के चबूतरे , गली की चहल - पहल सड़क के नज़ारे आदि किसी का भी हो सकता है जिससे तुम अच्छी तरह परिचित हो।

मेरे घर की खिड़की से सड़क दिखाई देती है। मैंने कभी ऐसा नहीं देखा जब वह सुनसान रही हो। उसमें पूरे दिन पूरी रात वाहनों का आगमन बना रहता है। दिन में वाहनों की संख्या अधिक होती है परन्तु रात में एक चौथाई रह जाती है। रात में जब भारी वाहन जैसे ट्रक तथा टेम्पों उसमें से गुजरते हैं, तो ऐसा लगता है मानो भूकंप आ गया हो। जब हम यहाँ आए थे, तो मुझे रात में नींद नहीं आती थी। परन्तु धीरे-धीरे उसकी आदत पड़ गई है। जब मेरे पास कोई काम नहीं होता है, तब मैं छत पर बैठ जाता हूँ और इसमें आने-जाने वाले वाहनों को देखता रहता हूँ। मेरे लिए समय काटने का सबसे अच्छा तरीका है।

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