कवि ने चाँद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और इसके कारण भी बताओ।
दिन |
कारण |
पूर्णिमा ......................................................................................................
अष्टमी ......................................................................................................
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच ...........................................................................
प्रथमा से अष्टमी के बीच ...........................................................................
कवि ने चाँद से गप्पें अष्टमी से पूर्णिमा के बीच लगाई होगी।
क्योंकि कवि अपनी कविता में कहते हैं।
"गोल है खूब मगर
आप तिरछे नज़र आते हैं ज़रा।"
अर्थात चाँद गोल है पर पूरी तरह से गोल नहीं है। उसकी गोलाई थोड़ी तिरछी है। इससे साफ़ पता चलता है कि पूर्णिमा होने में अभी एक या दो दिन का समय और है।