' सागर ने रस्ता छोड़ा , परबत ने सीस झुकाया '- साहिर ने ऐसा क्यों कहा है ? लिखो।

साहिर जी ने इन पंक्तियों के माध्यम से मनुष्यों के साहस हिम्मत को दर्शाया है। उनके अनुसार यदि मनुष्य ने मुश्किल कार्यों को सिर्फ इसलिए छोड़ दिया होता कि वो असंभव थे, तो कभी मनुष्य ने विजय प्राप्त नहीं की होती। आज उसकी हिम्मत से ही अंसभव कार्य संभव हो सके हैं। सागर में पुलों का निर्माण, जहाज़ों का निर्माण, पर्वतों को काटकर मार्ग बनाना, चाँद पर जाना, दुर्गम स्थानों पर ट्रेनों के लिए मार्ग बनाना मनुष्य की हिम्मत, मेहनत लगन का ही परिणाम है।

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