( क ) मोहन ने केला और संतरा खाया।
( ख ) मोहन ने केला और संतरा नहीं खाया।
( ग ) मोहन ने क्या खाया ?
( घ ) मोहन केला और संतरा खाओ।
उपर्युक्त वाक्यों में से पहला वाक्य एकांकी से लिया गया है। बाकी तीन वाक्य देखने में पहले वाक्य से मिलते - जुलते हैं , पर उनके अर्थ अलग - अलग हैं। पहला वाक्य किसी कार्य या बात के होने के बारे में बताता है। इसे विधिवाचक वाक्य कहते हैं। दूसरे वाक्य का संबंध उस कार्य के न होने से है , इसलिए उसे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। ( निषेध का अर्थ नहीं या मनाही होता है। ) तीसरे वाक्य में इसी बात को प्रश्न के रूप में पूछा जा रहा है , ऐसे वाक्य प्रश्नवाचक कहलाते हैं। चौथे वाक्य में मोहन से उसी कार्य को करने के लिए कहा जा रहा है। इसलिए उसे आदेशवाचक वाक्य कहते हैं। अगले पृष्ठ पर एक वाक्य दिया गया है। इसके बाकी तीन रूप तुम सोचकर लिखो --
बताना : रुथ ने कपड़े अलमारी में रखे।
नहीं / मना करना : ...........................................................
पूछना : ...........................................................
आदेश देना : ...........................................................
(i) विधिवाचक वाक्य - रूथ ने कपड़े अलमारी में रखे।
(ii) निषेधवाचक वाक्य - रूथ ने कपड़े अलमारी में नहीं रखे।
(iii) प्रश्नवाचक वाक्य - क्या रूथ ने कपड़े अलमारी में रख दिए?
(iv) आदेशवाचक वाक्य - रूथ कपड़े अलमारी में रखो।