अगर मुझे इन चीज़ों को छूने भर से इतनी खुशी मिलती है, तो उनकी सुंदरता देखकर तो मेरा मन मुग्ध ही हो जाएगा।

ऊपर रेखांकित संज्ञाएँ क्रमश: किसी भाव और किसी की विशेषता के बारे में बता रही हैं। ऐसी संज्ञाएँ भाववाचक कहलाती हैं। गुण और भाव के अलावा भाववाचक संज्ञाओं का संबंध किसी की दशा और किसी कार्य से भी होता है। भाववाचक संज्ञा की पहचान यह है कि इससे जुड़े शब्दों को हम सिर्फ़ महसूस कर सकते हैं, देख या छू नहीं सकते। नीचे लिखी भाववाचक संज्ञाओं को पढ़ो और समझो। इनमें से कुछ शब्द संज्ञा और कुछ क्रिया से बने हैं। उन्हें भी पहचानकर लिखो-

मिठास

भूख

शांति

भोलापन

बुढ़ापा

घबराहट

बहाव

फुर्ती

ताज ़गी

क्रोध

मज़दूरी

 

भाववाचक संज्ञा

क्रिया

(i) मिठास

(i) शांति

(ii) भूख

(ii) बहाव

(iii) घबराहट

(iii) मज़दूरी

(iv) क्रोध

(iv) फुर्ती

(v) बुढ़ापा

 

(vi) ताज़गी

 

(vii) भोलापन

 

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