'धरि- धीर दए' का आशय क्या है ?

'धरि- धीर दए' का आशय है; धीरज धारण करते हुए। अर्थात्‌ माता सीता, श्री राम के साथ वन मार्ग में चलते हुए, कष्टों को सहते हुए मन ही मन स्वयं को धीरज बंधा रही थीं।

  • 0
What are you looking for?