कविता की भाषा में लय या तालमेल बनाने के लिए प्रचलित शब्दों और वाक्यों में बदलाव होता है। जैसे-आगे-पीछे अधिक प्रचलित शब्दों की जोड़ी है, लेकिन कविता में 'पीछे-आगे' का प्रयोग हुआ है। यहाँ 'आगे' का '...बोली ये धागे' से ध्वनि का तालमेल है। इस प्रकार के शब्दों की जोड़ियों में आप भी परिवर्तन कीजिए-दुबला-पतला, इधर-उधर, ऊपर-नीचे, दाएँ-बाएँ, गोरा-काला, लाल-पीला आदि।
-
(i)
दुबला - पतला
-
पतला - दुबला।
(ii)
इधर - उधर
-
उधर - इधर।
(iii)
ऊपर - नीचे
-
नीचे - ऊपर।
(iv)
दाँए - बाँए
-
बाँए - दाँए।
(v)
गोरा - काला
-
काला - गोरा।
(vi)
लाल - पीला
-
पीला - लाल।